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और इतना ही नहीं ये कम्प्यूटर्स जिन हॉल्स में रखे हैं, उन्हें ठंडा करने के लिए बड़े आकार के पंखों की भी आवाज़ें यहां साफ़ सुनाई देती हैं.
ये एक तरह की डिजिटल मुद्रा है और किसी भी सरकार या किसी बैंक का इस पर कोई अख़्तियार नहीं है.
आपको बाजार पर नजर रखनी चाहिए और क्रिप्टो सेक्टर की गतिविधियों पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
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वासुदेव राम अगरिया की मेहनत ने ऐसे लोगों के लिए खेती के नए दरवाजे खोले हैं. कम जमीन में ही अब कोई भी फूलों की खेती करके लाभ कमा सकता है.
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ये सवाल पूछा जाना चाहिए कि आख़िर क्रिप्टो माइनिंग क्या चीज़ है, ये कैसे होता है. दरअसल, क्रिप्टो माइनिंग वो प्रक्रिया है जिससे कई तरह के क्रिप्टोकरेंसियों का कारोबार चलता है, चाहे वो बिटकॉइन हो या इथेरियम हो या फिर लाइटकॉइन.
कनेक्टेड माइनर्स क्लाउड माइनिंग क्रिप्टोकरंसी माइनिंग के मूल सिद्धांत पर काम करती है। क्लाउड माइनिंग में, माइनर्स साझा उपकरणों का उपयोग करके जटिल गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए अपनी खनन शक्ति को एक साथ जोड़ते हैं।
मतलब आम के आम और गुठलियों के भी दाम वाली खेती आप कर सकते हैं. अंबिकापुर के युवा किसान वासुदेव राम अगरिया ने इस तरीके से अच्छी आमदनी की है. अब वो इसे बड़े पैमाने पर करने की तैयारी में हैं.
डेली न्यूज़, एडिटोरियल और प्रिलिम्स फैक्ट
क्लाउड माइनिंग मॉडल दो प्रकार के होते हैं:

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